गुरुवार, 3 नवंबर 2016

अर्थव्यवस्था का वर्गीकरण

अर्थव्यवस्था का वर्गीकरण
अल्पविकसित अर्थव्यवस्था -
  • पिछड़ी हुई तकनीक
  • निम्न प्रतिव्यक्ति आय
  • अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान
  • अल्पविकसित आधारभूत संरचना
    • आधारभूत संरचना
      • आर्थिक - सड़क, परिवहन,बैंकिंग
      • सामाजिक - शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल
  • जनसंख्या की अधिक वृद्धि दर
  • प्रकृति पर अत्यधिक निर्भरता
  • गरीबी व बेरोजगारी का उच्च स्तर
  • मानव विकास सूचकांक (HDI) में निम्न स्तर
विकसित अर्थव्यवस्था -
  • उच्च तकनीक
  • उच्च प्रतिव्यक्ति आय
  • अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का अधिक योगदान
  • विकसित आधारभूत संरचना
  • जनसंख्या की निम्न वृद्धि दर
  • प्रकृति से दूरी
  • गरीबी व बेरोजगारी का निम्न स्तर
  • मानव विकास सूचकांक में उच्च स्तर
भारतीय अर्थव्यवस्था में अल्पविकसित व विकसित दोनों के लक्षण पाए जाते है। अतः इसे विकासशील अर्थव्यवस्था कहा जाता है।
वर्तमान में जिन अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर अधिक है तथा जनसंख्या की वृद्धि दर भी उच्च है, उन्हें उभरती हुई अर्थव्यवस्था (Emerging Economy) कहा जाता है।

समाजवादी अर्थव्यवस्था -
  • उत्पादन साधनों पर राज्य या समाज का नियन्त्रण
  • प्रशासनिक कीमत तन्त्र
  • बाजार पर सरकार का नियन्त्रण
  • प्रतिस्पर्द्धा का अभाव
  • संसाधनो का अकुशल उपयोग
  • आर्थिक समानता
  • उत्पादन केवल आवश्यकता पूर्ति के लिए
  • सृजनशीलता (Creativity) व समन्वय का अभाव
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था -
  • उत्पादन साधनों पर निजी व्यक्तियों का स्वामित्व
  • बाजार शक्तियों द्वारा मूल्य निर्धारण
  • बाजार में सरकार का अहस्तक्षेप
  • अत्यधिक प्रतिस्पर्द्धा
  • संसाधनो का कुशलतम उपयोग/दोहन
  • आर्थिक असमानता
  • उत्पादन केवल लाभ के लिए
भारत की प्रथम औद्योगिक नीति (1948) में मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया गया। इसके अंतर्गत समाजवादी व पूंजीवादी दोनों के लक्षण विद्यमान होते हैं। दूसरे शब्दों में सार्वजानिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र भी उपस्थित होता है।
1956 में भारत में समाजवाद को पूंजीवाद पर वरीयता दी गई तथा 1991 में पूंजीवाद को समाजवाद पर वरीयता दी गई।

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